4 ऑक्टोबर दिनविशेष


*04 ऑक्टोबर दिनविशेष 2022 !*
          🧩 *मंगळवार* 🧩


💥 *जागतिक प्राणी दिन*
💥 *राष्ट्रीय एकता दिन*
         
         🌍 *घडामोडी* 🌍    
 
👉 *2006 - ज्युलिअन असांज यांनी विकिलीक्स सुरु केले*         
👉 *1983 - नेवाडामधील ब्लॅक राॅक डेर्झट येथे रिचर्ड नोबेल यांनी आपली थ्रस्ट- 2 ही गाडी ताशी 1019 किमी वेगाने चालवून विश्र्वविक्रम प्रस्थापित केले*

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*विदर्भ प्राथमिक शिक्षक संघ नागपूर* 
(प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ नागपूर विभाग नागपूर) 
9860214288, 9423640394
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🌍 *जन्म*

👉 *1935 - अरुण सरनाईक- मराठी चिञपट व नाट्य अभिनेते, तबलावादक, गायक आणि हार्मोनियमवादक  यांचा जन्म*
👉 *1937 - जाॅकी काॅलिन्स  - इग्लिश लेखिका व अभिनेञी   यांचा जन्म*

        🌍 *मृत्यू*🌍

👉 *2015 - भारतीय दिग्दर्शक आणि निर्माता एडिडा नगिश्र्वर राव यांचे निधन*
👉 *2002 - वृत्तपट निवेदक भाई भगत यांचे  निधन*
 
🙏 *मिलिंद विठ्ठलराव वानखेडे*🙏




बोधकथा                                                      *मनाची एकाग्रता*_
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*_एकेकाळी एक वृद्ध योद्धा होता. त्‍याच्‍या काळातील तो सर्वत्र प्रसिद्ध असा योद्धा होता. त्‍याला कोणत्‍याही प्रकारच्‍या युद्धात कुणीच हरवू शकत नसे. त्‍याची ख्‍याती सर्वत्र पसरली होती. त्‍याने त्‍याच्‍या शिष्‍यांना व मुलांना युद्धकलेचे शिक्षण देण्‍यास सुरुवात केली होती. त्‍याचवेळी एक तरूण योद्धाही प्रसिद्ध होत होता. दिग्‍गज योद्धेही तरूण योद्ध्यासमोर हार मानत असत. प्रतिस्‍पर्ध्‍याचे कच्‍चे दुवे ओळखून त्‍याला सहज पराभूत करण्‍यात त्‍याचा हातखंडा होता. अतिशय कमी कालावधीत त्‍याने वृद्ध योद्धा सोडल्‍यास सर्व योद्ध्यांना पराभूत केले होते. त्‍याचे नाव सर्वत्र गाजू लागले. मिळणारी प्रसिद्धीचा आता त्‍याच्‍या मनात अहंकार जागृत झाला. त्‍याने विचार केला की या वृद्धालाही हरवून 'अजिंक्‍य' हे बिरूद लावून मिरवू. त्‍याने वृद्ध योद्ध्याला आव्‍हान दिले. शिष्‍यांनी मनाई केली तरी वृद्धाने त्‍याचे आव्‍हान स्‍वीकारले. तरूण योद्धा ठरलेल्‍या दिवशी वेळेवर रणांगणात येऊन उभा राहिला. भविष्‍यातील विजयाची कल्‍पना मनात धरून तो आनंदी होत होता. पण वृद्ध मात्र शांत आणि संयमित स्थितीमध्‍ये त्‍याच्‍यासमोर उभा होता. युद्ध सुरु झाले. तरूणाच्‍या प्रत्‍येक वाराला वृद्धाकडे प्रतिवार तयार होता.तरूण योद्धा हळूहळू का होईना दमू लागला आणि आपण युद्ध हरतो आहे हे लक्षात येताच त्‍याने वृद्धाला अपशब्‍द वापरण्‍यास सुरुवात केली. जेणेकरून वृद्धाचे लक्ष विचलित होईल पण त्‍याचा उपयोग झाला नाही. वृद्ध अविचल राहिला त्‍याचा संयम ढळला नाही. अखेरीस तरूण योद्धा पराजित झाला. त्‍याने स्‍वत:हून हार पत्‍करली व तेथून पराजित होऊन निघून गेला. तो गेल्‍यावर शिष्‍यांनी व वृद्धाच्‍या मुलांनी वृद्धाला विचारले,''बाबा, तो तरूण तुम्‍हाला अपशब्‍द वापरत होता तरी तुम्‍ही शांत कसे राहिलात'' तेव्‍हा वृद्ध गुरु म्‍हणाला,'' मुलांनो कोणत्‍याही युद्धात शारीरिक बळाबरोबरच मनाची एकाग्रता महत्‍वाची असते. कोणत्‍याही परिस्थितीत मन कणखर असेल तर तुमचा विजय निश्चित आहे._''*

*_तात्‍पर्य : मनाची एकाग्रता साधल्‍याने बरेचशी कामे साध्‍य होतात. मन एकाग्र करून कोणतेही काम केल्‍यास हमखास यश मिळतेच._*
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■ *भारताचं हवाई सामर्थ्य वाढलं; स्वदेशी तंत्रज्ञानाचे आणि भारतात बनलेले 'प्रचंड' LCH हेलिकॉप्टर वायुदलात दाखल*
■ *विद्यार्थ्यांना वर्षाला सहा हजार रुपये शासन देणार*
■ *कर्मचारी पदभर्तीस सुरुवात...नवीन भरती होण्याचा मार्ग मोकळा..*
■ *राज्यात 700 'बाळासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना' सुरू करणार; आरोग्य क्षेत्रासाठी मुख्यमंत्री शिंदेंच्या महत्वाच्या घोषणा*
■ *नाशकात आता सीएनजी रेट डिझेल रेटला भारी! सीएनजीच्या दरात चार रुपयांची वाढ*
■  *पुलोदचा प्रयोग करत वसंतदादांचं सरकार पाडलं नसतं तर शरद पवार काय आहेत, हे देशाला समजलं नसतं.. पुण्यात महर्षी पुरस्कार स्वीकारताना सुशीलकुमार शिंदेंकडून पवारांचं कौतुक*                                                                                                                                  ▬▬▬➖➖➖➖▬▬▬
*मिलिंद व्हि वानखेडे*
*मुख्याध्यापक*
*प्रकाश हायस्कूल व ज्युनिअर कॉलेज  कान्द्री-माईन*
*9860214288*
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*🇮🇳 आझादी का अमृत महोत्सव 🇮🇳*
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       🇮🇳 *गाथा बलिदानाची* 🇮🇳
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     संकलन ~ सुनिल हटवार ब्रम्हपुरी,
               चंद्रपूर, 9403183828                       ➿➿➿➿➿➿➿➿➿                                       💥🇮🇳🔥🇮🇳👨🏻🇮🇳🔥🇮🇳💥                                 
       
             *तिरुपुर कुमारन*
           (भारतीय क्रांतिकारी)

        *जन्म : 4 अक्टूबर 1904*
(चेनिमलाई, ईरोड, मद्रास 
          प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश इंडिया)
       *मृत्यु : 11 जनवरी 1932* 
                 (उम्र 27)
   (तिरुपुर, मद्रास प्रेसिडेंसी, 
                       ब्रिटिश इंडिया)

मृत्यु का कारण : सत्याग्रह के दौरान पुलिस की क्रूरता
राष्ट्रीयता : भारतीय
          कुमारन को तिरुपुर कुमारन भी कहा जाता है! एक भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्हों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था।
           भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने की जंग में कइयों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। किसी का लहू बहा तो कोई सालों तक जेल में बंद रहा। अंग्रेजों की यातनाएं सही, लेकिन देश के वे वीर जांबाज पीछे नहीं हटे और अपनी अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए लड़ते रहे।
      इन्ही जांबाजों में से एक नाम है तिरुपुर कुमारन, एक ऐसा नाम जो अंग्रेजी हुकूमत की लाठी के आगे नहीं टूटा और सीना फख्र से चौड़ा कर अपने देश को स्वंतंत्र कराने की लड़ाई में कूद पड़ा।
        कुमारन ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ले अपना संपूर्ण जीवन भारत को आजाद कराने में लगा दिया, इसके बावजूद भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी का नाम इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो गया।
                   कुमारन ने यह जानते हुए कि उस समय ब्रिटिश सरकार के भारत में तिरंगा के फहराने पर पूरी तरह से मनाही है, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लहराने पर जोर दिया था।
              वह तिरुपुर के रहने वाले थे और तिरुपुर में एक शांतिपूर्ण असहयोग आन्दोलन के दौरान ब्रिटिश पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी आंदोलन में घायल हुए कुमारन ने अपना दम तोड़ दिया।
           अपने वतन की आजादी के लिए इस शख्स ने अंग्रेजों की कई लाठियां खाई, लेकिन अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के उद्देश्य पर वह दृढ़ हो डटे रहे।
               कुमारन का जन्म भारत मद्रास प्रेसिडेंसी, चेन्नई (तमिलनाडु में वर्तमान ईरोड जिला) में चेननिमालाई में हुआ था। उन्होंने देश बंधु युवा संघ की स्थापना की और अंग्रेजों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। 11 जनवरी 1932 को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक विरोध मार्च के दौरान तिरुपुर में नौय्याल नदी के तट पर पुलिस हमले से बने चोटों से उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के समय, वह भारतीय राष्ट्रवादियों का ध्वज पकड़ रहे थे, जो कि अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित कोडी कथथा कुमारन (कुमारन ने ध्वज की रक्षा की) को उकसाया। 
         अक्टूबर 2004 में भारत की 100 वीं जयंती पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया था।  तिरुपुर में उनके सम्मान में एक मूर्ति बनाई गई है जिसे अक्सर सार्वजनिक प्रदर्शनों के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में उपयोग किया जाता है।
       
          🇮🇳 *जयहिंद*🇮🇳

🙏🌹 *विनम्र अभिवादन* 🌹🙏
                       
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