14 ऑगस्ट दिनविशेष


*14 ऑगस्ट दिनविशेष 2023 !*

🛟 *सोमवार* 🛟
    
         🌍 *घडामोडी* 🌍    

👉 *1947 ' पाकिस्तानला युनायटेड किगंडम पासुन स्वातंत्र्य मिळाले*
👉 *2010 - पहिल्या यूवा ऑलिम्पिक स्पर्धा ची सुरवात करण्यात आली*

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*विदर्भ प्राथमिक शिक्षक संघ नागपूर* 
(प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ नागपूर विभाग नागपूर) 
9860214288, 9423640394
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🌍 *जन्म*🌍

👉 *1957 भारतीय अभिनेता जाॅनी लिव्हर याचा जन्म*
👉 *1925 - साहित्यीक, नाटककार, पञकार जयंत दळवीकर याचा जन्म*

        🌍 *मृत्यू*🌍

👉 *2011 - भारतीय चित्रपट अभिनेते शम्मी कपूर याचे निधन*
👉  *2012 - महाराष्ट्राचे मुख्यमंञी व केन्द्रीय मंञी अवजड मंञी विलासराव देशमुख याचे निधन*
  
🙏 *मिलिंद विठ्ठलराव वानखेडे*🙏
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▂*🇮🇳 आझादी का अमृत महोत्सव 🇮🇳*
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       🇮🇳 *गाथा बलिदानाची* 🇮🇳
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               *नरेन्द्र मोहन सेन* 
          ( भारतीय क्रांतिकारी )

*जन्म : 13 अगस्त, 1887*
     ( जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)
*मृत्यु : 23 जनवरी 1963*
     (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
नागरिकता : भारतीय
प्रसिद्धि : स्वतंत्रता सेनानी
धर्म : हिन्दू
जेल यात्रा : 1913 में ('बारीसाल षड़यंत्र केस' के दौरान), 1914 में नजरबंदी
विद्यालय : 'ढाका मेडिकल स्कूल'
विशेष योगदान : नरेन्द्र मोहन सेन ने 'अनुशीलनt समिति' के काम को आगे बढ़ाया और समिति की शाखाएँ आसाम, मुंबई, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब तक में खोली गईं।
अन्य जानकारी : वर्ष 1913 ई. में 'बारीसाल षड़यंत्र केस' में नरेन्द्र मोहन सेन गिरफ़्तार कर लिए गए थे, लेकिन पुलिस उन्हें सजा नहीं दिला पाई।
                                                              नरेंद्र मोहन सेन भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़कर ये 'अनुशीलन समिति' में शामिल हो गए थे। 'बारीसाल षड़यंत्र केस' में नरेन्द्र मोहन सेन को गिरफ़्तार किया गया था और फिर बाद में 1914 ई. में इन्हें नजरबंद कर दिया गया।

💁🏻‍♂️ *जन्म तथा शिक्षा*
प्रसिद्ध क्रांतिकारी नरेन्द्र मोहन सेन का जन्म 13 अगस्त, 1887 ई. में ब्रिटिश शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। बचपन में इन्हें विख्यात क्रांतिकारी 'अनुशीलन समिति' के नेता पुलिन बिहारी दास के घर पर पढ़ने का अवसर मिला और यहीं से उनके अंदर देशभक्ति की भावना का संचार हुआ। 'ढाका मेडिकल स्कूल' में द्वितीय वर्ष की पढ़ाई छोड़ कर ये क्रांतिकारी 'अनुशीलन समिति' में सम्मिलित हो गए थे।

⚖️  *मुक़दमा*
अपने साहसपूर्ण व्यवहार और कठिनतम कामों में आगे रहने से नरेन्द्र मोहन सेन को समिति में प्रमुखता मिली और उनका घर क्रांतिकारियों का अड्डा बन गया। वर्ष 1909 में अंग्रेज़ सरकार द्वारा समिति ग़ैर क़ानूनी घोषित कर दी गई। समिति के सदस्यों पर 'ढाका षड़यंत्र केस' के नाम से मुक़दमा चला। अनेक लोगों को सजाएँ हुई। इसमें नरेन्द्र मोहन सेन पुलिस के हाथ नहीं आए और वे गुप्त रूप से समिति की गतिविधियाँ चलाते रहे। इस प्राकार 1910 में उनके ऊपर समिति का पूरा भार आ गया था।

🔆 *समिति की शाखाएँ*
नरेन्द्र मोहन सेन ने समिति के काम को आगे बढ़ाया और समिति की शाखाएँ आसाम, मुंबई, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब तक खोली गईं। इन्होंने 1911 में क्रांतिकारियों को रूस, जर्मनी आदि देशों में भेजने की योजना भी बनाई थी। कृषि फ़ॉर्म खोल कर उसके अंदर कार्यकर्ताओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया।

⛓️ *गिरफ़्तारी*
वर्ष 1913 ई. में 'बारीसाल षड़यंत्र केस' में नरेन्द्र मोहन सेन गिरफ़्तार कर लिए गए, लेकिन पुलिस उन्हें सजा नहीं दिला पाई। इस पर 1914 में उन्हें नजरबंद कर लिया गया। उसके बाद गिरफ़्तारी और भारत तथा बर्मा की जेलों में बंद रहने का क्रम चलता रहा।

🪔 *निधन*
जीवन के उत्तरार्ध में नरेन्द्र मोहन सेन ने सन्न्यास ले लिया था। फिर भी द्वितीय विश्वयुद्ध के दिनों में संन्यासी नरेन्द्र मोहन भी जेल से बाहर नहीं रह पाए। 23 जनवरी, 1963 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में उनका निधन हो गया।   
        🇮🇳 *जयहिंद* 🇮🇳

🙏🌹 *विनम्र अभिवादन* 🌹🙏▂▂▂▂▂▂▂▂▂▂
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*मिलिंद विठ्ठलराव वानखेडे* 
*मुख्याध्यापक* 
*प्रकाश हायस्कूल व ज्युनियर कॉलेज कान्द्री-माईन* 
*9860214288*
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